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क्यों सुरक्षित नहीं है आदिवासी ? नक्सली मुठभेड़ के नाम पर कब तक निर्दोष आदिवासियों की हत्या होती रहेगी, सरकार आदिवासियों की सुरक्षा को लेकर कब होगी गंभीर-आप

संवाददाता मोनिका उसेंडी।

दिनांक 01/03/2024,

कोयलीबेड़ा/उ.ब.कांकेर (छत्तीसगढ़)। हुरतराई जंगल में निर्दोष तीन आदिवासियों की हत्या की न्याययिक उच्च स्तरीय जाँच हो व पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दे सरकार - संतराम सलाम आप नेता। 

आम आदमी पार्टी अंतागढ़ विधानसभा के पूर्व में रहे विधायक प्रत्याशी संतराम सलाम ने बताया कि हुरतराई के जंगल में 25 फ़रवरी को फर्जी पुलिस,नक्सली मुठभेड़ के नाम पर तीन निर्दोष ग्रामीण आदिवासीयों की हत्या कर पुलिस उन्हें नक्सली बता रही है। जिनमें दो आदिवासी ग्रामीण ग्राम मरदा के रहने वाले थे और एक अंतागढ़ ब्लॉक के ग्राम पैवारी से। वहीं इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी के टीम पीड़ित परिवार से मिलने गांव पहुँच कर पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ घटना के संबध में लम्बी चर्चा की जहाँ ग्राम के गायता, पटेल सहित ग्रामीण जन भी उपस्थित थे। आप की टीम पीड़ित परिवार से कई बिन्दुओं पर गहराई से बातचीत करके जानकारी इक्क्ठा कर लिया गया। 


इसी मुद्दे को लेकर प्रेसवार्ता कर संतराम सलाम ने मिडिया से कहा की पीड़ित परिवार से बात करने पर पता चला की एक का नाम सुरेश कुमार तेता ग्राम मरदा, जिनका आधार कार्ड मनरेगा जॉब कार्ड वोटर आईडी सहित सारे दस्तावेज है और इनकी धर्म पत्नी ग्राम मरदा के गोटापारा में मिनी आंगनवाड़ी में सहायिका के पद पर पदस्थ है। जिसका एक बेटा है और वो नवमी कक्षा में पड़ता है। 

दूसरे का नाम रामेश्वर नेगी है ये भी ग्राम मरदा का निवासी है, इनके पास भी वोटर आईडी, जॉब कार्ड, बैंक पासबुक सहित सभी सरकारी दस्तावेज बना हुआ है। और ये व्यक्ति घटना से सप्ताह भर पहले अपने गांव में लगातार मनरेगा में गोदी फेकने जाता था, जो मेट पंजी और मस्टर रोल में हस्ताक्षर सहित इनके नाम अंकित है जो मेट और सहायक सचिव के द्वारा भरा गया है। इनके दो बेटे है। 

तीसरा व्यक्ति अंतागढ़ ब्लॉक के पैवारी ग्राम का है। जिसका नाम अनिल हिड़को है जो रिश्ते में रामेश्वर नेगी का भांचा लगता है। इनका भी एक बेटा और एक दुधमुहे बेटी है। अब अगर ये लोग नक्सली होते तो क्या मनरेगा जैसे स्कीम में काम करने जाते क्या? इसका जवाब पुलिस को देना होगा। सलाम ने आगे कहा कि पीड़ित परिवार ने बताया की तेन्दूपत्ता बाँधने के लिए रस्सी लाने जंगल गए थे जो एक दो, दिन रुकने लायक़ कपड़ा, चावल दाल राशन सामान और गंजी लेकर घर से निकले थे। जिनको नक्सली मुठभेड़ के नाम पर फर्जी मुठभेड़ कर निर्दोष तीनो आदिवासी ग्रामीणों कि हत्या कर दी गईं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी समाज ज्यादातर जंगल से ही जीविकापार्जन का साधन जुटाती है।


संतराम सलाम ने वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की सरकार व पूर्व की कांग्रेस सरकार को भी आड़े हाथो लेते हुए कहा कि आखिर कब तक निर्दोष आदिवासियों कि हत्या होती रहेगी। कांग्रेस सरकार में भी ऐसी घटना घट चुकी, वही आज भी ऐसी ही घटना हो रही है और निर्दोष आदिवासी उसका शिकार हो रहे है।सरकार कब आदिवासियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होगी ये बड़ा प्रश्न है? अब प्रदेश में आदिवासी समाज से ही मुख्यमंत्री है कब आदिवासियों का दर्द समझेंगे, कब उन्हें न्याय मिलेगा।आम आदमी पार्टी इस फर्जी मुठभेड़ कि निष्पक्ष न्यायायिक उच्च स्तर में जाँच कि मांग करती है और पीड़ित परिवारों को उनके भरण पोषण के लिए उचित मुआवजे कि मांग शासन से की जाती है। इस अवसर पर यूथ विंग जिला उपाध्यक्ष बारसू हुपेंडी, जिला कोषाध्यक्ष राजू सलाम,सुरेंद्र कड़ीयाम, रामकुमार कोमरा, रामु उसेंडी,सनाऊ राम नेताम, संतोश सलाम, सुरेंद्र उइके शत्रु ध्रुव सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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