Type Here to Get Search Results !

Comments

पाए सभी खबरें अब WhatsApp पर Click Now

गरीबों के खाद्यान्न पर घोटाला, लीपापोती करने की कवायद शुरू, मामला शासकीय उचित मूल्य दुकान नेवारी का, जांच अधिकारी भी संदेह के घेरे में

संवाददाता अजीत सिंह आयाम। 

चितरंगी (सिंगरौली)। दिनांक 12 जनवरी 2024 शासकीय उचित मूल्य दुकान नेवारी में राशन वितरण नहीं होने के मामले में जांच शुरू हो गई है। कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य निरीक्षक पीसी चंद्रवंशी गत दिवस चितरंगी ब्लॉक के नेवारी गांव पहुंचे थे। लेकिन एक डेढ़ घंटे में सिर्फ तीन लोगों का बयान लेकर जांच की खानापूर्ति कर वापस लौट गई। जहां तीन हितग्राहियों ने शिकायत किया है, कि उन्हें खाद्यान्न नहीं मिला है और मिलता भी है, तो तौल में कम दिया जाता है। गौरतलब है कि शासकीय उचित मूल्य दुकान नेवारी में शिकायत के बाद जांच टीम नेवारी गांव पहुंची। लेकिन जांच महज खानापूर्ति तक ही सीमित नजर आई। बताया जा रहा है कि यदि जांच टीम ग्रामीणों को पहले से सूचना देकर जांच करने पहुंचते तो वहां खाद्यान्न वितरण में कितना गोलमाल हुआ है। जांच टीम को पता लग जाता। शिकायतकर्ता की बात माने तो कोटेदार उंभा कांड मामले में 302 का अपराधी है और 2 साल उत्तर प्रदेश की जेल में रहा तो उसकी गैर मौजूदगी में शासकीय उचित मूल्य दुकान नेवारी को कौन संचालित कर रहा था। चर्चा है कि कोटेदार जेल में है। इस बात की जानकारी समिति प्रबंधन, खाद्य निरीक्षक से लेकर खाद्य अधिकारी तक को भी पता थी। लेकिन हर महीने सुविधा शुल्क मिलने के चलते सभी ने अपने आंख और कान बंद कर लिए थे। इस बीच कोटेदार के सगे संबंधी अधिकारियों को सुविधा शुल्क देते हुए अवैध तरीके से दुकान संचालित कर रहे थे।

सरपंच का कर लिया फर्जी दस्तखत:

ग्रामीणों की माने तो कोटेदार के राशन घोटाले की जांच करने पहुंचे खाद्य निरीक्षक आरके सिंह ने सिर्फ तीन लोगों का बयान लिया। वही सरपंच का फर्जी दस्तखत भी नागेंद्र सिंह नामक शख्स से करा लिया है। चर्चा है कि यदि जांच अधिकारी सरपंच सहित ग्रामीणों को पूर्व में सूचना देकर जांच करने जाते तो वहां शिकायतकर्ताओं का हुजूम खड़ा हो जाता और जांच अधिकारी इस जांच पर लीपा पोती नहीं कर पाते। यही वजह है कि बिना सरपंच और ग्रामीणों को सूचना दिए जांच करने पहुंचे अधिकारियों ने जांच की खानापूर्ति कर समिति प्रबंधक खाद्य निरीक्षक और खाद्य अधिकारी को बचाने का काम किया है।

जांच अधिकारी भी सवालों के घेरे में:

जांच करने पहुंचे इंस्पेक्टर आरके सिंह भी इस शिकायत के जद में हैं। ऐसे में वह समिति प्रबंधक, निरीक्षक खाद्य अधिकारी सहित खुद को बचाते हुए पूरी जांच करने में जुटे रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि जब उंभा कांड में कोटेदार राजबिहारी उत्तर प्रदेश की जेल में सजा काट रहा था। उस दौरान चितरंगी ब्लाक में इंस्पेक्टर आरके सिंह पदस्थ थे और उन्हीं के देखरेख में शासकीय उचित मूल्य दुकान नेवारी संचालित थी। दरअसल नियम है कि शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में हर माह हितग्राहियों को नियमानुसार राशन वितरित किया जा रहा है या नहीं इसके लिए विभाग निरीक्षक नियुक्त करता है। यदि विभाग के निरीक्षक हर महीने ईमानदारी से सत्यापन करते तो शासकीय उचित मूल्य की दुकान में कौन खाद्यान्न बांट रहा है। कौन नहीं इसकी जानकारी विभाग को जरूर होती। ऐसे में यदि कोटेदार 302 का अपराधी है तो उस समय के तत्कालीन खाद्य निरीक्षक आरके सिंह भी जांच के जद में आ जाएंगे।

इनका कहना है: आरके सिंह खाद्य निरीक्षक सिंगरौली।

नेवारी उचित मूल्य दुकान के विक्रेता के खिलाफ शिकायत मिली है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जांच करने गया था। जहॉ कुछ लोगों के बयान लिये गये हैं। खाद्यान्न नहीं बाटा गया है। विक्रेता को नोटिस दी जायेगी।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Our Services
यह वेबसाइट CG HOST द्वारा बनाया गया है। अगर आप भी किसी भी प्रकार की वेबसाइट सस्ते दामों में बनवाना चाहते हैं तो आज ही संपर्क करें 8435151023 या 6263548198 पर।

ख़बर के नीचे विज्ञापन

Center 01 AD SPACE विज्ञापन