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खिवनी में आदिवासी परिवारों पर अत्याचार: जयस का न्याय के लिए जोरदार आंदोलन

 


देवास, 27 जून 2025: मध्य प्रदेश के खातेगांव तहसील के ग्राम खिवनी में वन विभाग की अवैध और अमानवीय कार्रवाई के खिलाफ जय आदिवासी युवा शक्ति (JAYS) ने एक विशाल आंदोलन का आयोजन किया। 



जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. लोकेश मुजाल्दा के नेतृत्व में सैकड़ों आदिवासी कार्यकर्ता और पीड़ित परिवार एकजुट होकर सड़कों पर उतरे, नारों और बैनरों के साथ अपने हक और सम्मान की लड़ाई को बुलंद किया।

"जमी पर जमीदार बैठते हैं, गद्दी पर गद्दार!" - यह नारा गूंजा जब लोकेश मुजाल्दा ने वन विभाग की कार्रवाई को संविधान विरोधी और आदिवासी समुदाय के अस्तित्व पर हमला करार दिया। उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में, बिना किसी उचित नोटिस या वैधानिक प्रक्रिया के, वन विभाग ने आदिवासी परिवारों के घरों पर बुलडोजर चला दिया। इससे महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए।

आंदोलन की मुख्य बातें:

आदिवासियों के हक की लड़ाई: मुजाल्दा ने कहा, "यह सिर्फ जमीन का सवाल नहीं, बल्कि आदिवासी समुदाय के हक, सम्मान और उनके पुरखों की धरती की रक्षा का सवाल है। जंगल के असली रखवाले आदिवासी हैं, और हम उनकी आवाज को दबने नहीं देंगे।

प्रशासन पर सवाल: जयस ने वन विभाग की कार्रवाई को नियमों का खुला उल्लंघन बताया और तत्काल प्रभाव से पीड़ित परिवारों को राहत, मुआवजा और पुनर्वास की मांग की।संकल्प: लोकेश मुजाल्दा ने ऐलान किया कि जयस हर हाल में इंसाफ की लड़ाई लड़ेगा और पीड़ितों को उनका हक दिलाकर रहेगा।


आंदोलन का भविष्य: जयस ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने पीड़ित आदिवासी परिवारों को तत्काल न्याय नहीं दिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस मुद्दे पर वन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

लोकेश मुजाल्दा का बयान: "हमारी लड़ाई प्रकृति, पुरखों और हमारे हक की रक्षा के लिए है। हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं। जब तक खिवनी के हर पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिलता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।"

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