निजी स्कूलों में फीस और पुस्तकों की महंगाई के विरोध में JAYS ने सौंपा ज्ञापन, निजी स्कूलों कि मनमानी पर अंकुश लगाने कि मांग- जयस जिलाध्यक्ष बड़वानी
बड़वानी। संवाददाता कैलाश अलावे : निजी स्कूलों संचालकों के विरोध में जयस जय आदिवासी युवा शक्ति बडवानी ने दिया ज्ञापन। जिसमें जिला अध्यक्ष संदीप सोलंकी ने बताया कि बडवानी जिले व ब्लाकों में निजी स्कूलों के द्वारा फीस तो मनमानी ढंग से वसूली जाती है। उसके साथ कक्षा 1 से 8 तक की निजी विद्यालय अलग अलग प्रकाशकों की पुस्तकें बच्चों से बुलवाते है। वर्तमान में नवीन शैक्षणिक सत्र 2025-26 के प्रारंभ होते ही निजी विद्यालयों की मनमानी शुरू हो गई है। शासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद स्कूल NCERT की पुस्तकों के बजाय निजी प्रकाशकों की पुस्तके बुलाते है। जिसमें एलकेजी और यूकेजी की पुस्तकों को मूल्य रू. 2000/- से 3000/- तक होता है। वहीं अन्य बड़ी कक्षा का शुल्क इससे कहीं ज्यादा होता है।
जयस कार्यकर्ता सीमा वास्कले ने बताता की शिक्षा पर सबका अधिकार है, शिक्षा एक मौलिक अधिकार है। जिसे शिक्षा का अधिकार (Right to Education - RTE) भी कहा जाता है, जिले व प्रदेश भर में शिक्षा को लेकर शासन प्रशासन को गंभीर एवं संचित रहना चाहिए व हर वर्ग को इससे वंचित ना रखा जाए। इसलिए शिक्षा का बाजारीकरण ना होने दिया जाए। प्रायवेट स्कूलों की पुस्तकें बेचने वाली दुकानों की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग जिला कलेक्टर एवं संबंधित विभाग से की गई।