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कवर्धा में खौफनाक वारदात: 70 वर्षीय बुजुर्ग को जिंदा जलाया, तीन दिन में तीसरी हत्या से दहशत में लोग



कवर्धा (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में अपराध का साया गहराता जा रहा है। सिंघनपुरी गांव के बामी में एक ऐसी दिल दहलाने वाली घटना ने लोगों की रूह कंपा दी, जिसने इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया। 70 वर्षीय बुजुर्ग झड़ी साहू, जो अपने जीवन के आखिरी पड़ाव पर थे, को देर रात एक अज्ञात हमलावर ने पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया। इस क्रूर हत्याकांड ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे क्षेत्र में खौफ का माहौल पैदा कर दिया है।

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रात के सन्नाटे में टूटी चीखें

जानकारी के मुताबिक, यह भयावह घटना सोमवार देर रात की है। झड़ी साहू, जो अपने छोटे से घर के आंगन में खटिया पर सो रहे थे, उस वक्त आसपास का माहौल शांत था। रात के सन्नाटे को चीरती हुई उनकी चीखें तब गूंजीं, जब किसी दरिंदे ने उनके शरीर पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी। पड़ोसियों ने जब तक लपटों को देखकर शोर मचाया और मदद के लिए दौड़े, तब तक आग ने झड़ी साहू को अपनी चपेट में ले लिया था। कुछ ही पलों में उनकी जिंदगी जलकर राख हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह मंजर इतना भयानक था कि लोग अब तक सदमे में हैं।

तीन दिन, तीन हत्याएं: कवर्धा में अपराध की बाढ़

यह वारदात कोई इकलौती घटना नहीं है। हैरानी की बात यह है कि पिछले तीन दिनों में कवर्धा जिले में यह तीसरा हत्याकांड है। लगातार हो रही इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों में डर और आक्रोश को जन्म दिया है। गांव के लोग अब रात को घर से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी रामू साहू ने गुस्से में कहा, "पुलिस क्या कर रही है? हर दिन कोई न कोई मर रहा है, और हमारी जान सांसत में है। क्या अब हमें अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं रहने दिया जाएगा?"


 

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल

झड़ी साहू के परिवार का मातम और गमगीन माहौल देखकर हर किसी की आंखें नम हैं। उनके बेटे ने बताया कि उनके पिता एक सीधे-सादे इंसान थे, जिनका किसी से कोई बैर नहीं था। "हमारे पिता को किसने और क्यों मारा, हमें कुछ समझ नहीं आ रहा। हम इंसाफ चाहते हैं," बेटे ने फफकते हुए कहा। गांव में झड़ी साहू को एक शांत और मिलनसार व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जिसके चलते इस हत्याकांड ने और भी सवाल खड़े किए हैं।

पुलिस की कार्रवाई और सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। कवर्धा के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। "हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि हत्यारे को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। लोगों से अपील है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें," उन्होंने कहा। पुलिस ने आसपास के इलाकों में छापेमारी शुरू कर दी है और संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है।हालांकि, स्थानीय लोगों का गुस्सा पुलिस की कार्यशैली पर भी फूट रहा है। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जिले में अपराध का ग्राफ इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है? क्या पुलिस की निष्क्रियता इसके लिए जिम्मेदार है? कुछ ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि रात में गश्त की कमी के कारण अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

क्षेत्र में तनाव, लोग कर रहे हैं इंसाफ की मांग

इस घटना के बाद से सिंघनपुरी और आसपास के गांवों में तनाव का माहौल है। लोग सड़कों पर उतरकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सरकार से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की अपील की है।

क्या है हत्याकांड के पीछे का कारण?

फिलहाल हत्या के पीछे का मकसद साफ नहीं हो सका है। पुलिस इसे पुरानी रंजिश, लूटपाट, या किसी अन्य आपराधिक मंशा से जोड़कर देख रही है। कुछ लोग इसे क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक मानसिकता का परिणाम मान रहे हैं। इस बीच, यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि अगर समय रहते अपराधों पर लगाम नहीं कसी गई, तो हालात और बेकाबू हो सकते हैं।

आगे क्या?

पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है। साथ ही, यह भी आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मामले का खुलासा होगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह आश्वासन लोगों के मन से डर को मिटा पाएगा? कवर्धा के लोग अब इंसाफ और सुरक्षा की आस में हैं, और यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस चुनौती से कैसे निपटता है।

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