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जमीन विवाद बदला खुनी संघर्ष में, किसान नें एसपी-कलेक्टर से की शिकायत

 देवास जिले की विजयागंज मंडी थाना अंतर्गत ग्राम साबूखेड़ी में किसान की पुश्तैनी जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। 

किसान नें आरोप लगाया है की उसकी जमीन की फर्जी तरीके पहले पावर करवा कर रजिस्ट्री भी करवा ली... जब किसान अपनी जमीन जोतने गया तो दबंगो द्वारा उनपर लाठी डंडो व लोहे के पाईप से हमला भी कर दिया। 
जिसके बाद किसान को सर में गंभीर चौंट आई है। किसान का आरोप है की उसकी 11 बिघा जमीन पर दबंगो द्वारा जबरन कब्ज़ा करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि विजयीगंज मंडी पुलिस नें मारपीट करने वाले लोगो पर मामला दर्ज किया है। उक्त मामले को लेकर किसान आज कलेक्टर व एसपी ऑफिस पहुंचे व लिखित आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई है. 



ऐ है पूरा घटना क्रम...


पीड़ित किसान ने मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई और न्याय की गुहार लगाई।किसान देवकरण ने बताया कि उनकी 11 बीघा कृषि भूमि है, जो उनके परिवार की पैतृक संपत्ति है। बावजूद कुछ दबंग लोग जबरन इस जमीन पर कब्जा करने की फिराक में है। किसान का कहना है कि वह जब भी खेत पर पहुंचते हैं, ये लोग उन्हें डराते-धमकाते हैं और बुवाई करने से रोकते हैं। देवकरण ने बताया कि जब वह पहले खेत पर गया था, तब इन दबंगों ने उस पर जानलेवा हमला भी किया था, जिससे उसे गंभीर चोटें आई थीं। इस घटना की रिपोर्ट विजयागंज मंडी थाने में दर्ज करवाई गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थिति ये हो गई है कि किसान अपनी ही जमीन पर खेती करने से डर रहा है और जान का खतरा महसूस कर रहा है। किसान का कहना है कि उसने इस संबंध में कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। अंततः मजबूर होकर किसान ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जहां से उसे जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का स्टे ऑर्डर प्राप्त हुआ है। जनसुनवाई में किसान ने कलेक्टर और एसपी से मांग की कि जब वह खेत पर बुवाई करने जाए, तब उसे पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि किसी प्रकार का विवाद या हिंसा ना हो। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई अन्य किसान इस तरह के अत्याचार का शिकार न हो।


अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है और क्या एक किसान को उसकी जमीन पर सुरक्षित खेती करने का अधिकार मिल पाएगा या नहीं?



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