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बिरसा मुंडा शहीद दिवस ग्राम मोरवानी(रतलाम ) में मनाया गया

 



संवाददाता गेंदालाल माकोडे़ | धामनोद धार: बिरसा मुंडा शहीद दिवस की 125 वीं वर्षगांठ श्रद्धा पूर्वक ग्राम मोरवानी जिला रतलाम मे मनाई गई। अखिल भारतीय भील समाज, आदिवासी छात्र संगठन ,वीर एकलव्य आदिवासी सामाजिक सेवा संस्थान रतलाम,महाराणा पूंजा भील जनकल्याण संगठन के संयुक्त तत्वाधान में बिरसा मुंडा शहीद दिवस 9 जून सोमवार को मनाया गया। सर्वप्रथम सूर्य क्रांति स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या भील ,बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र  पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर पूजा अर्चना कर धरती माता की आरती की गई । 

इस अवसर पर सभी अतिथियों ने बिरसा मुंडा के जीवन परिचय, जीवनपथ, गौरवगाथा , पदचिन्ह पर प्रकाश डालते हुए बताया की स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर शहीद बिरसा मुंडा का जन्म झारखंड खूंटी ओलीहुट गांव में 15 नवंबर 1875 में पिता सुगना मुंडा के घर में हुआ।  महज 25 वर्ष की अल्प आयु में 9 जून सन 1900 में शहीद हो गए। जिन्होंने जीवन पर्यंत जल, जंगल, जमीन , तथा आदिवासीयो के संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए अंग्रेजों से लोहा लेकर लड़ाई लड़ी तथा आदिवासियों को अपने अधिकार दिलाए, ऐसे महान भगवान बिरसा मुंडा को  देश दुनिया में भगवान के रूप में पूजा जा रहा है तथा उन्हें याद किया जाता है। कार्यक्रम में नारी शक्ति श्रीमती ज्ञमोहनबाई का गुलदस्ता भेंट करके सम्मान किया गया।



 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि- कैलाश गामड़ ,बाबूलाल भूरिया, लक्ष्मण गामड़, प्रकाश भूरिया ,राजू भूरिया ,दिलीप गहलोत, विशेष अतिथि -मोवन बाई भूरिया, शरदबाई ,रेखा बाई ,अनीता बाई, पूजा बाई, अनिल सिंगाड़ विजय हाडा ,भावना भूरिया ,रानू अग्रवाल, लक्ष्मी तथा समाजसेवी सूरतलालडामर आदि बड़ी संख्या में आदिवासी समाज जन उपस्थित थे।

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