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ग्वालियर में बाबा साहब की मूर्ति को लेकर तनाव, भीम आर्मी ने दिया एक महीने का अल्टीमेटम



ग्वालियर, 11 जून 2025: ग्वालियर की धरती आज डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान को लेकर गूंज उठी। भीम आर्मी के नेतृत्व में आयोजित अंबेडकर महापंचायत में सैकड़ों समर्थकों ने हाई कोर्ट परिसर में बाबा साहब की मूर्ति स्थापित करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी नेता विनय रतन सिंह ने प्रशासन को एक महीने का समय देते हुए चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में मूर्ति नहीं लगाई गई, तो भीम आर्मी निर्णायक आंदोलन शुरू करेगी।

घटना का विवरण




प्रदर्शन के दौरान विनय रतन सिंह ने बाबा साहब की मूर्ति को ऊंचा उठाकर समर्थकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "यह मूर्ति केवल एक प्रतिमा नहीं, बल्कि करोड़ों बहुजनों के सपनों और आत्मसम्मान का प्रतीक है। कुछ मनुवादी ताकतें इसका विरोध कर रही हैं, लेकिन हम बाबा साहब के सम्मान से कोई समझौता नहीं करेंगे।" भीम आर्मी ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग दोहराई।

पृष्ठभूमि और विवाद




यह विवाद फरवरी 2025 में शुरू हुआ था, जब हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें मूर्ति स्थापना की मांग की गई थी। हालांकि, कुछ वकीलों और सामाजिक समूहों ने इसे लेकर आपत्ति जताई, जिसके बाद मामला तनावपूर्ण हो गया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, देश में दलितों के खिलाफ अपराधों में 13% की वृद्धि हुई है, जो इस आंदोलन की गंभीरता को दर्शाता है।

प्रतिक्रियाएं
प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर भी हलचल तेज है। कुछ समर्थकों ने "जय भीम" के नारे लगाए, जबकि विरोधी गुटों ने भीम आर्मी पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया। एक यूजर ने लिखा, "अगर मूर्ति नहीं लगी तो आंदोलन होगा, लेकिन कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए।"

आगे की स्थिति
वर्तमान में प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखी हुई है, और चार राज्यों—मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान—में सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंदोलन केवल मूर्ति तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के व्यापक मुद्दे से जुड़ा है। अब सभी की निगाहें अगले एक महीने पर टिकी हैं कि प्रशासन इस मांग को कैसे हल करता है।
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