मई 2025 में रबी फसलों की देखभाल और खरीफ फसलों (धान) की नर्सरी तैयारी: Kit Management and Practical Tips
May 21, 2025
धन सिंह, संवाददाता, द ट्राइबल पोस्ट: मई 2025 का महीना भारतीय किसानों के लिए दोहरी जिम्मेदारी का समय है। इस दौरान रबी फसलों की देखभाल अपने चरम पर होती है, वहीं खरीफ फसलों, खासकर धान की नर्सरी तैयार करने की शुरुआत हो जाती है। द ट्राइबल पोस्ट के मिशन, “सत्य को सामने लाने और समाज के हर वर्ग की आवाज को बुलंद करने” के तहत, हम आपके लिए खेती-किसानी से जुड़ी विश्वसनीय और व्यावहारिक जानकारी लेकर आए हैं। यह लेख रबी फसलों के लिए प्रभावी कीट प्रबंधन और धान की नर्सरी तैयार करने की प्रक्रिया को सरल प्रस्तुत करता है, ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिले।
रबी फसलों की देखभाल: कीट प्रबंधन के लिए टिप्स
मई में रबी फसलें, जैसे गेहूं, चना, सरसों, और मटर, अपनी परिपक्वता की ओर बढ़ रही होती हैं। इस समय कीटों और रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जो फसल की गुणवत्ता और पैदावार को प्रभावित कर सकता है। यहाँ कुछ प्राकृतिक और प्रभावी कीट प्रबंधन के उपाय दिए गए हैं:
1. प्रमुख कीट और उनके लक्षण
- गेहूं में दीमक (Termites): पत्तियां पीली पड़ना और जड़ों का कमजोर होना।
- चना में फली छेदक (Pod Borer): फलियों में छोटे छेद और कीड़े दिखना।
- सरसों में माहू (Aphids): पत्तियों पर चिपचिपा पदार्थ और हरे कीड़े।
- मटर में पत्ती खाने वाले कीट (Leaf-Eating Insects): पत्तियों पर छेद और कटाव।
2. प्राकृतिक और जैविक कीट नियंत्रण
- जाल फसल (Trap Crop): मुख्य फसल के आसपास गेंदा या मक्का जैसी जाल फसलों को उगाएं। ये कीटों को आकर्षित कर मुख्य फसल को बचाती हैं।
- नीम का तेल: 5 मिली नीम तेल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह माहू और फली छेदक को नियंत्रित करता है।
- जैविक कीटनाशक: ट्राइकोडर्मा या ब्यूवेरिया बेसियाना जैसे जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें, जो पर्यावरण-अनुकूल और प्रभावी हैं।
- फेरोमोन ट्रैप: फली छेदक जैसे कीटों के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाएं। यह कीटों की संख्या को कम करता है।
3. रासायनिक कीटनाशक (आखिरी उपाय)
- यदि कीटों का प्रकोप अधिक हो, तो कृषि विशेषज्ञ की सलाह से इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid) या क्लोरपायरीफोस (Chlorpyrifos) का उपयोग करें।
- छिड़काव सुबह या शाम करें, जब हवा शांत हो।
- अनुशंसित मात्रा का पालन करें और सुरक्षा उपाय (दस्ताने, मास्क) अपनाएं।
4. सामान्य देखभाल के टिप्स
- खरपतवार नियंत्रण: खरपतवार कीटों का आश्रय बन सकते हैं। मल्चिंग या हल्की निराई-गुड़ाई करें।
- मिट्टी की नमी: मई की गर्मी में ड्रिप इरिगेशन या नियमित सिंचाई से मिट्टी को नम रखें।
- निगरानी: खेत का नियमित निरीक्षण करें और शुरुआती लक्षण दिखते ही उपाय शुरू करें।
मेरा मानना है कि प्राकृतिक और जैविक तरीकों से खेती न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह किसानों की लागत भी कम करता है।
खरीफ फसलों की तैयारी: धान की नर्सरी कैसे तैयार करें
मई 2025 में खरीफ फसलों की शुरुआत हो रही है, और धान की नर्सरी तैयार करना इसकी पहली सीढ़ी है। एक मजबूत नर्सरी अच्छी पैदावार की नींव रखती है:
1. सही बीज का चयन
- प्रमाणित बीज चुनें, जैसे पूसा बासमती 1121, MTU-7029 (स्वर्णा), या स्थानीय जलवायु के लिए उपयुक्त किस्में।
- नमक के घोल (1 किलो नमक/10 लीटर पानी) में बीज डालकर जांचें। तैरने वाले बीज हटा दें।
- बीज उपचार के लिए थीरम (2 ग्राम/किलो बीज) या ट्राइकोडर्मा (5 ग्राम/किलो बीज) का उपयोग करें।
2. नर्सरी के लिए जगह और मिट्टी
- खेत का ऊंचा, समतल हिस्सा चुनें, जहां जलभराव न हो।
- मिट्टी को अच्छी तरह जोतें और 10-15 टन/हेक्टेयर गोबर की खाद मिलाएं।
- नर्सरी का आकार: 1 हेक्टेयर धान के लिए 400-500 वर्ग मीटर नर्सरी पर्याप्त है।
3. नर्सरी बेड तैयार करना
- बेड की चौड़ाई 1-1.5 मीटर और लंबाई 4-5 मीटर रखें।
- बेड को 10-15 सेंटीमीटर ऊंचा करें ताकि जल निकासी आसान हो।
- मिट्टी में 1 किलो नाइट्रोजन, 0.5 किलो फॉस्फोरस, और 0.5 किलो पोटाश प्रति 100 वर्ग मीटर मिलाएं।
4. बीज बोने की प्रक्रिया
- प्रति वर्ग मीटर 80-100 ग्राम बीज बोएं।
- बीजों को 12-24 घंटे पानी में भिगोएं, फिर 24-48 घंटे छायादार जगह में रखें ताकि अंकुरण शुरू हो।
- बीजों को बेड पर समान रूप से छिड़कें और हल्की मिट्टी (0.5 सेंटीमीटर) से ढक दें।
5. नर्सरी की देखभाल
- सिंचाई: पहले 5-7 दिन हल्का पानी दें। बेड नम रखें, जलभराव से बचें।
- खरपतवार नियंत्रण: 10-15 दिन बाद हल्की निराई करें या ब्यूटाक्लोर जैसे प्री-इमर्जेंट हर्बिसाइड का उपयोग करें।
- कीट और रोग प्रबंधन: ब्लास्ट रोग से बचाव के लिए ट्राइसाइक्लाजोल (0.6 ग्राम/लीटर) का छिड़काव करें। गंधी बग के लिए नीम तेल का उपयोग करें।
- पोषण: 15-20 दिन बाद यूरिया (1 किलो/100 वर्ग मीटर) का छिड़काव करें।
6. रोपाई की तैयारी
- नर्सरी 21-30 दिन में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।
- पौधों की ऊंचाई 15-20 सेंटीमीटर होने पर रोपाई करें।
- रोपाई से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करें और पानी का स्तर 2-3 सेंटीमीटर रखें।
निष्कर्ष
The Tribal Post के संवाददाता के रूप में, मैं, धन सिंह, देश के किसानों तक सटीक और उपयोगी जानकारी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। मई 2025 में रबी फसलों की देखभाल और धान की नर्सरी की तैयारी सही दिशा में उठाए गए कदम आपकी फसल को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।