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दूर-दराज़ गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य की पहली किरण हैं आशा बहनें बिरला स्वस्थ भारत की आशा’ विषय पर स्पीकर बिरला ने जिले की आशा सहयोगिनियों से किया संवाद

जयपुर, ‘स्वस्थ भारत की आशा’ संवाद कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आशा सहयोगिनियों को देश के स्वास्थ्य तंत्र की सबसे मजबूत कड़ी बताते हुए कहा कि जब देश संकट में होता है और लोग पीछे हटते हैं, तब आशा बहनें निःस्वार्थ भाव से सेवा में जुट जाती हैं। उन्होंने कहा कि यदि आज भारत के सुदूर गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच रही हैं, तो उसका सबसे बड़ा श्रेय इन आशा कार्यकर्ताओं को जाता है, जो हर गर्भवती महिला, नवजात शिशु और जरूरतमंद व्यक्ति के लिए दिन-रात समर्पण भाव से कार्य कर रही हैं।

गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के सहयोग से प्रॉमिसिंग इंडियन सोसाइटी की ओर से यूआईटी ऑडियोरियम में आयोजित कार्यक्रम में बिरला ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब अधिकांश लोग अपने  घरों से बाहर निकलने से हिचकिचा रहे थे, तब आशा बहनें जोखिम उठाकर गांव-गांव जाकर बीमारों की पहचान कर रहीं थीं, दवाइयाँ पहुँचा रही थीं और लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने का कार्य कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को संस्कारित, स्वाभिमानी और स्वस्थ बनाने में इन बहनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

संवेदनशीलता और सेवा की प्रतीक हैं आशा बहनें-

बिरला ने कहा कि आशा बहनों की संवेदनशीलता, आत्मबल और समाज के प्रति समर्पण ही उन्हें विशेष बनाता है। उन्होंने कहा कि आज का यह संवाद कार्यक्रम सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि एक संकल्प है कि कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र का हर नागरिक स्वस्थ हो, हर गर्भवती मां और उसका बच्चा सुरक्षित हो, और समाज का अंतिम व्यक्ति भी सम्मान से जीवन जी सके।

सुपोषित माँ अभियान में अहम योगदान-

बिरला ने सुपोषित माँ अभियान की सफलता में आशा बहनों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि ये बहनें समाज के उस वर्ग तक पहुंचती हैं, जहाँ सुविधाओं की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। उन्होंने आग्रह किया कि आशा बहनंे ऐसे परिवारों की गर्भवती महिलाओं की पहचान करें, जिन्हें पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है या जो नियमित चिकित्सकीय देखभाल से वंचित हैं।

दिव्यांगजनों के जीवन में लाएं नई रौशनी-

बिरला ने सोमवार को कोटा में प्रारंभ हुए प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र का उल्लेख करते हुए कहा कि अब दिव्यांगजनों को आवश्यक सहायक उपकरणों की सुविधा उनके घरों तक पहुँचाई जाएगी। उन्होंने आशा बहनों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र में निवास करने वाले दिव्यांगजनों की पहचान कर एम.बी.एस. अस्पताल या लोकसभा कार्यालय को सूचित करें, ताकि जरूरतमंदों को समय पर सहयोग उपलब्ध कराया जा सके।

आशा कार्यकर्ताओं को भेंट की यूटिलिटी किट-
 
कार्यक्रम के उपरान्त बिरला ने आशा कार्यकर्ताओं को यूटिलिटी किट भेंट की। गेल के कार्यकारी निदेशक अनूप गुप्ता ने  कहा कि आशा कार्यकर्ता समुदाय और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य करती हैं। यह किट आशा कार्यकर्ताओं के  सामुदायिक सेवाओं से जुड़े कार्यों में में गतिशीलता और दक्षता को बढ़ाएगी। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. नरेन्द्र नागर, गेल के मुख्य महाप्रबंधक अनिल कुमार झा, प्रॉमिसिंग इंडियन सोसाइटी की फाउंडर प्रेरणा सिंह, ज़िला आईसीडीएस अधिकारी, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।
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