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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज झारखंड मंत्रालय के सभाकक्ष में झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद् (टीएसी) की बैठक सम्पन्न हुई

रांची झारखंड|


बैठक में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रस्तावों पर गहन विचार-विमर्श के उपरांत राज्य में आदिवासी हितों की रक्षा, सभ्यता-संस्कृति के संरक्षण एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद् (टीएसी) द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं |

हेमंत सोरेन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकान खोलने की हुई प्रस्ताव पारित

 झारखण्ड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली, 2025 के गठन संबंधित प्रस्तावित अधिसूचना प्रारूप के नियम 20 (iii) पर गहन विचार-विमर्श एवं चर्चा के उपरान्त राज्य के भीतर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के वैसे ग्राम पंचायत, जिसमें 50% या उससे अधिक जनजातीय आबादी हो और यदि स्थल झारखण्ड सरकार के पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के विभिन्न अधिसूचनाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महत्व, राष्ट्रीय महत्व, राजकीय महत्व एवं स्थानीय महत्व के पर्यटन स्थल(धार्मिक मान्यता के स्थल को छोड़कर) घोषित हो, तो पर्यटन को बढ़ावा देने, राजस्व हित एवं अवैध मदिरा पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से उक्त प्रक्षेत्र में ऑफ प्रकृति की खुदरा उत्पाद दुकानों की बंदोबस्ती किए जाने संबंधित प्रस्ताव पर सहमति बनी।

सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए खोल  रही है ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकान

झारखण्ड उत्पाद होटल, रेस्तराँ, बार एवं क्लब (अनुज्ञापन एवं संचालन) (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन संबंधी संलेख एवं प्रस्तावित अधिसूचना प्रारूप की कंडिका-2 के नियम 21 पर सहमति दी गई। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के वैसे ग्राम पंचायत, जिसमें 50% या उससे अधिक जनजातीय आबादी हो और यदि ऐसे स्थल झारखण्ड सरकार के पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के विभिन्न अधिसूचनाओं द्वारा अंतराष्ट्रीय महत्व, राष्ट्रीय महत्व, राजकीय महत्व एवं स्थानीय महत्व के पर्यटन स्थल(धार्मिक मान्यता के स्थल को छोड़कर) घोषित हो, तो पर्यटन को बढ़ावा देने, राजस्वहित एवं अवैध मदिरा पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से उक्त प्रक्षेत्र में उत्पाद प्रपत्र 8, 9 एवं 10/9 एवं 10/7 'क' में क्रमशः होटल, रेस्तरां एवं बार/रेस्तरां एवं बार/क्लब की अनुज्ञप्ति स्वीकृत करने पर सहमति बनी।

सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजनान्तर्गत पश्चिमी सिंहभूम जिला में खरकई नदी में प्रस्तावित ईचा बाँध के निर्माण कार्य को पुनर्बहाल करने पर चर्चा हुई। झारखण्ड जनजातीय परामर्शदातृ समिति के गहन विचार-विमर्श के उपरांत ईचा खरकई बाँध से हो रहे विस्थापित जनजाति समुदाय सहित अन्य व्यक्तियों पर पड़ने वाले प्रभाव के संबंध में प्रभावित ग्रामों की वर्तमान स्थिति का भौतिक सत्यापन करते हुए फोटो, वीडियो के साथ एक जांच प्रतिवेदन तैयार कर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने हेतु सहमति बनी। उक्त प्रतिवेदन के आलोक में आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा।

वन अधिकार योजना अंतर्गत "अबुआ बीर दिशोम" अभियान के क्रियान्वयन पर चर्चा के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि यह "अबुआ बीर दिशोम"व्यापक रूप से लगातार चलाई जाती रहे।यह सुनिश्चित किया जाए कि हर 2 माह में वनपट्टा का वितरण अनिवार्य रूप से हो । वनपट्टा हेतु प्राप्त आवेदनों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए स्वीकृति प्रक्रिया अविलंब पूरी किए जाने पर सहमति बनी।

छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46 के अंतर्गत थाना क्षेत्र की परिभाषा में स्पष्टता लाने हेतु प्रस्ताव पर बिंदुवार चर्चा हुई। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 1938 के निर्धारित थाना क्षेत्र के आधार पर छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु विभाग एक प्रस्ताव तैयार कर उपस्थापित करे एवं उपरोक्त के संबंध में एक आयोग गठन करने के संबंध में सहमति बनी। उक्त गठित आयोग 6 महीने के भीतर सभी पहलुओं का अध्ययन करते हुए एक प्रतिवेदन समिति को समर्पित करेगी।

बोकारो जिला के ललपनिया में आदिवासी धार्मिक स्थल लगुबुरु में डीवीसी (DVC) द्वारा पनबिजली परियोजना पर कार्य किए जाने के संबंध में चर्चा की गई। इस संबंध में माननीय सदस्यों को अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासी धर्म स्थल लगुबुरु को संरक्षित रखने की मंशा से डीवीसी एवं भारत सरकार को अवगत कराया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही डीवीसी के इस परियोजना को स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया है।

वनपट्टा आच्छादित परिवारों के विद्यार्थियों एवं बच्चे-बच्चियों के आवासीय एवं जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने में जो व्यवधान अथवा कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है ,उसका समाधान सुनिश्चित की जाए।

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