आदिवासी युवक को चलती ट्रेन में धक्का देने वाले टी टी आई पर कार्रवाई की मांग, 6 वर्षों से पीड़ित परिवार को नहीं मिला न्याय और सहायता
संबलपुर/ओड़िशा। संबलपुर जिले नाकटीदेउल तहसील अंतर्गत लूबुरी गांव का मुरली भोई एक आदिवासी गरीब परिवार सदस्य है। बताया जा रहा है कि मुरली भोई का पुत्र बेनुधर भोई को 11 मई 2009 में ट्रेन में सफर के दौरान ट्रेन में एक टी टी आया चलती ट्रेन से धक्का लगाया और उस घटना से उनका पैर गौड कटक सरकारी बड़ा हस्पताल में काटना पड़ा था। राज्य सरकार ने मुफ्त इलाज करवाया। उनके बारे में एक स्वेच्छा सेबी अनुष्ठान ने आरोपी टी टी आई को गिरफ्तार करने पर और क्षति पुराण मांग को लेकर भी उन्हें रेलवे डी आर एम को गुहार लगाई थी। उसी समय गणमाध्यम समेत अनेक स्वेच्छा सेबी अनुष्ठान ने यह जो दर्दनाक घटना बेनूधर भोई के साथ हुई इस घटना की बहुत निंदा की गई थी। रेल अधिकारी के सामने टी टी आई बेनुधर घटना को स्वीकार किया था। इसीलिए घटना सम्पर्कित प्यारेड रेल्वे पुलिस मना किया था। 2016 में बेनुधर भोई एक आकस्मिक दुर्घटना में मौत हुई है। लेकिन आजतक उनके परिवार लोगों को कोई क्षतिपुरन नहीं मिला। diary no:53273, case no:157/18/24/09-10 में 4 लाख रुपए कंपनसेशन देनेकेलिए चिट्ठी रेलवे विभाग ने भेजी है। चिट्ठी चिट्ठी में रहा है, बेनुधर का होगया मौतप पर अभी तक कोई सहायता नही मिल रही है। बेनुधर भोई का पिता मुरली भोई प्रतिक्रिया में कहा कि जिस समय मेरे पुत्र रोजगार करके पालन पोषण करना था उस समय दुर्घटना में मौत हुई है। हाईकोर्ट में एक रीट पिटीशन दर्ज कराएंगे। जिला आदिवासी कल्याण संघ संबलपुर सचिव महेंद्र कुंवर और प्रभारी रोहित भोई क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर सरकार से गुहार लगाई है।