खोमई छात्रावास अधीक्षक धर्मराज मगरदे निलंबित। दुर्व्यवहार और भोजन अनियमितता के खिलाफ जयस ने की थी शिकायत अब भजनसिंह अहाके संभालेंगे अधीक्षक का कार्यभार
बैतूल/ मप्र। लंबे समय से आदिवासी बालक छात्रावास खोमई में हो रहे दुर्व्यवहार और भोजन में अनियमितताओं के खिलाफ उठी पालकों की आवाज आखिरकार रंग लाई। पालकों और जयस कार्यकर्ताओं की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी और जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त विवेक कुमार पांडे ने अधीक्षक धर्मराज मगरदे को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है।
खोमई छात्रावास में बच्चों और पालकों की लगातार मिल रही शिकायतों में मारपीट, बच्चों को डराना-धमकाना, भोजन मेनू के अनुसार भोजन न देना और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप सामने आए थे। जयस नेता सोनू पानसे ने बताया कि अधीक्षक मगरदे दिन-प्रतिदिन बच्चों से गलत भाषा में बात करते थे और पालकों से भी दुर्व्यवहार करते थे। भोजन में नासमझी बरतते हुए बच्चों को समय पर भोजन नहीं दिया जाता था, न ही मेनू के अनुसार सामग्री परोसी जाती थी। इससे बच्चों के मानसिक संतुलन पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा था।
इन गंभीर आरोपों की जांच के बाद कलेक्टर और जनजातीय आयुक्त ने सख्त रुख अपनाते हुए अधीक्षक धर्मराज मगरदे को निलंबित कर दिया। आदेश के अनुसार निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, भैंसदेही तय किया गया है। वहीं निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।
खोमई छात्रावास में अधीक्षक के रूप में अब भजनसिंह अहाके, सहायक शिक्षक, एकीकृत माध्यमिक शाला सिरसनगांव को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस कार्रवाई के बाद जयस नेता सोनू पानसे और पालकों ने कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी और सहायक आयुक्त विवेक पांडे का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह जीत खोमई छात्रावास के बच्चों और पालकों की है, जिन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की। सोनू पानसे ने समस्त क्षेत्रवासियों और पालक गण की ओर से भी जिला प्रशासन का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि अब बच्चों को सुरक्षित और बेहतर वातावरण मिलेगा।