कवर्धा (चतरी) क्षेत्र में वन भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई: आरोपी मानसिंह जेल भेजा गया
कवर्धा, 04 जून 2025: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के वन परिक्षेत्र पंडरिया (पूर्व) अंतर्गत चतरी क्षेत्र की वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ वन विभाग ने कड़ा कदम उठाया है। कक्ष क्रमांक पी.एफ.527 में अवैध कब्जे की सूचना मिलने के बाद विभाग ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए न केवल अतिक्रमण को हटाया, बल्कि दोषी को न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया। यह कार्रवाई वन संपदा की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति वन विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
सूचना पर त्वरित कार्रवाई
दिनांक 01 जून 2025 को वन विभाग को चतरी क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त हुई थी। इस सूचना के आधार पर वनमंडलाधिकारी निखिल अग्रवाल के निर्देशन में तुरंत एक विशेष अभियान शुरू किया गया। उपवनमंडलाधिकारी सुयश धर दीवान के मार्गदर्शन और वन परिक्षेत्र अधिकारी महेंद्र कुमार जोशी के नेतृत्व में पंडरिया (पूर्व और पश्चिम) के वन अमले ने संयुक्त रूप से कार्रवाई को अंजाम दिया। इस अभियान में वन विभाग की चुस्ती और दृढ़ता स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
अवैध कब्जे का खुलासा, आरोपी गिरफ्तार
जांच के दौरान ग्राम मंगली, थाना कुकदूर निवासी मानसिंह, पिता सूतन गोड़ को वन भूमि पर अवैध कब्जा करने का दोषी पाया गया। मानसिंह ने वन क्षेत्र में अनधिकृत रूप से कब्जा कर प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाया था। उसके खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की विभिन्न धाराओं, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, और लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के तहत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 20712/19 दर्ज किया गया।
03 जून 2025 को मानसिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, पंडरिया के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया। यह कार्रवाई क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश है।
वन अमले का सराहनीय योगदान
इस कार्रवाई में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की एकजुटता और समर्पण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपवनक्षेत्रपाल चैनदास खुटियाले, वनपाल संतोष सिंह साकत, दिलीप कुमार चंद्राकर, सुभाष चंद्र भारद्वाज, जोधन सिंह ठाकुर, और वनरक्षक सुदर्शन साहू, अमरवीर सिंह मरकाम, उमेश्वरी श्याम, और सीमा टांडिया ने इस अभियान को सफल बनाने में अहम योगदान दिया। उनकी तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा ने न केवल वन भूमि को मुक्त कराया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि दोषी को तुरंत सजा मिले।
वन संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता
कवर्धा वन विभाग ने इस कार्रवाई के माध्यम से स्पष्ट कर दिया है कि वन संपदा और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वनमंडलाधिकारी निखिल अग्रवाल ने कहा, "वन भूमि हमारी प्राकृतिक धरोहर है, और इसे बचाने के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे। अवैध अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।"
स्थानीय समुदाय में जागरूकता की जरूरत
चतरी क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण का यह मामला स्थानीय समुदाय के लिए भी एक सबक है। वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे वन भूमि और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहयोग करें। अवैध कब्जे और वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियों की जानकारी तुरंत वन विभाग को देने की सलाह दी गई है।
आगे की रणनीति
वन विभाग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त निगरानी का ऐलान किया है। नियमित गश्त, ड्रोन निगरानी, और स्थानीय समुदाय के साथ सहयोग बढ़ाकर वन क्षेत्रों को सुरक्षित रखने की योजना बनाई जा रही है। इस कार्रवाई ने न केवल अवैध अतिक्रमण को हटाया, बल्कि यह भी दिखाया कि वन विभाग अपनी जिम्मेदारी को पूरी गंभीरता से निभा रहा है।
यह घटना कवर्धा के चतरी क्षेत्र में वन संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।