बागीदौरा उपचुनाव में बाप पार्टी की शारदा देवी ने रचा इतिहास, बीजेपी को दी मात
June 09, 2025
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फोटो: राजकुमार रावत x पोस्ट |
बागीदौरा (राजस्थान), 9 जून 2025: बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 10 (पंचायत समिति गांगड़तलाई) में हुए उपचुनाव में भारत आदिवासी पार्टी (बाप पार्टी) की प्रत्याशी शारदा देवी ने बीजेपी प्रत्याशी को शानदार तरीके से हराकर एक ऐतिहासिक जीत हासिल की है। इस जीत को बाप पार्टी के विधायक राजकुमार रोएट ने जनता का विधायक रिश्वत कांड के षड्यंत्र के खिलाफ दमदार जवाब करार दिया है।
जीत का गौरवशाली पल
शारदा देवी की यह विजय बागीदौरा की जनता के अटूट विश्वास और आदिवासी समुदाय की सशक्त पहचान को प्रतिबिंबित करती है। राजकुमार रोएट ने ट्वीट कर उत्साह के साथ कहा, "बागीदौरा की जनता ने बाप पार्टी को यह शानदार जीत दिलाकर एक नया इतिहास रचा है। उलगुलान जिंदाबाद!" कार्यक्रम की तस्वीरों में पारंपरिक वेशभूषा और फूलों के हारों से सजी झांकियां आदिवासी संस्कृति की समृद्धि को दर्शाती हैं, जो इस जीत को और खास बनाती हैं।
रिश्वत कांड का संदर्भ
यह जीत उस समय आई है जब बाप पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल मई 2025 में 'कैश-फॉर-नो-क्वेरी' घोटाले में फंस गए थे। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने पटेल और उनके चचेरे भाई विजय पटेल को 2 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था। इस घटना ने पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, लेकिन बागीदौरा की जनता ने इस जीत के माध्यम से इसका साहसिक जवाब दिया है।
आदिवासी आंदोलन और भिल प्रदेश की मांग
बाप पार्टी का आधार आदिवासी समुदाय, खासकर भिल जनजाति, है, जो लंबे समय से अलग 'भिल प्रदेश' की मांग कर रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में राजकुमार रोएट ने बांसवाड़ा से 2.47 लाख वोटों के विशाल अंतर से जीत हासिल की थी, जो इस आंदोलन की बढ़ती ताकत को रेखांकित करता है। एक 2023 की स्टडी के अनुसार, भारत के आदिवासी क्षेत्रों में पहचान आधारित पार्टियों का समर्थन पिछले दशक में 15% तक बढ़ा है, जो बाप पार्टी की प्रगति को और बल देता है।
जनता के प्रति आभार
राजकुमार रोएट ने बागीदौरा की जनता का हृदय से धन्यवाद करते हुए कहा कि यह जीत आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने 'उलगुलान जोहार' के जोशीले नारे लगाए, जो आदिवासी एकता और संकल्प का प्रतीक है।
यह जीत न केवल बाप पार्टी के लिए एक शानदार उपलब्धि है, बल्कि राजस्थान की राजनीति में आदिवासी वोट की बढ़ती ताकत और प्रभाव को भी उजागर करती है। आने वाले समय में इस जीत का असर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिल सकता है।