ग्राम पंचायत कुई में तिरंगा यात्रा: ‘वीर शहीद अमर रहें’ के नारे गूंजे
May 21, 2025
कुई (छत्तीसगढ़)। ग्राम पंचायत कुई से एक प्रेरणादायक खबर लेकर आए हैं। 20 मई 2025 को ग्राम पंचायत कुई में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक अभियान के तहत एक भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में ग्रामवासियों ने एकजुटता और देशभक्ति का शानदार प्रदर्शन किया। आइए जानते हैं इस आयोजन की पूरी जानकारी।
तिरंगा यात्रा का आयोजन: देशभक्ति से भरा माहौल
20 मई 2025 को दोपहर 3 बजे, ग्राम पंचायत कुई में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में महिला समूह के सदस्यों, ग्राम पंचायत के सरपंच, पंचों और समस्त ग्रामवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक अभियान के तहत निकाली गई, जिसका उद्देश्य देशभक्ति की भावना को मजबूत करना और शहीदों को श्रद्धांजलि देना था।
यात्रा की शुरुआत पंचायत चौक से हुई, और यह पूरे गांव में भ्रमण करते हुए विभिन्न मार्गों से गुजरी। ग्रामीणों ने हाथों में तिरंगा थामा और जोशपूर्ण नारे लगाए, जैसे:
- “वन्दे मातरम!”
- “भारत माता की जय!”
- “वीर शहीद अमर रहें!”
इन नारों ने पूरे गांव में देशभक्ति का माहौल बना दिया। ग्रामवासियों ने एकता और समर्पण की मिसाल पेश की, जिसने सभी को प्रेरित किया।
इस तिरंगा यात्रा में ग्राम पंचायत कुई के कई गणमान्य लोग और ग्रामवासी शामिल हुए। यात्रा का नेतृत्व ग्राम पंचायत कुई के सरपंच बसंत वाटिया ने किया। उनके साथ कुकदूर मंडल अध्यक्ष बसंत वाटिया, दशरथ कुम्भकार, राहुल जैन, धनीराम पन्द्राम, धनंजय लहरे (सरपंच), भरत कुम्भकार, जनकराम (पंच), वेदप्रकाश, फिरत मरावी (सचिव), विनीता तिवारी, कीर्ति, अश्वनी कुम्भकार, और दिनेश कुमार जैसे प्रमुख लोग मौजूद थे। इसके अलावा, गांव के अन्य सभी ग्रामवासी भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर शामिल हुए।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक अभियान का महत्व
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक अभियान के तहत निकाली गई यह तिरंगा यात्रा देशभक्ति को बढ़ावा देने और समाज में एकता की भावना को मजबूत करने का एक प्रयास है। द ट्राइबल पोस्ट का मानना है कि ऐसे आयोजन न केवल ग्रामीण स्तर पर जागरूकता फैलाते हैं, बल्कि युवाओं और बच्चों में भी देश के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को प्रेरित करते हैं।
ग्राम पंचायत कुई की इस पहल ने पूरे क्षेत्र में एक सकारात्मक संदेश दिया है। यह आयोजन शहीदों के बलिदान को याद करने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का एक बेहतरीन उदाहरण है।