15 नवंबर को मनाया गया आदिवासी स्वाभिमान दिवस... जनगणना 2027 में ‘आदिवासी धर्म कॉलम’ की मांग जोरदार तरीके से उठी.
हरदा /मध्यप्रदेश
हरदा। जिले के ग्राम मगरधा में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जयंती आदिवासी स्वाभिमान दिवस के रूप में बड़ी गरिमा और उत्साह के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी समुदाय के क्रांतिकारियों एवं महापुरुषों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर की गई। इसके बाद समाजजनों ने नगर में रैली निकालकर अपनी सांस्कृतिक पहचान और लंबे समय से लंबित मांगों को प्रमुखता से उठाया। रैली के पश्चात 15 सूत्रीय मांगों को लेकर हरदा नायब तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपा गया।कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने आदिवासी समाज में शिक्षा, रोजगार और जागरूकता को बढ़ाने की आवश्यकता पर गहन चर्चा की। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पारंपरिक आदिवासी गीतों पर मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिसने कार्यक्रम का माहौल और अधिक उत्साहपूर्ण बना दिया।आदिवासी विकास परिषद के कार्यकारी जिला अध्यक्ष पुरुषोत्तम कलम ने अपने उद्बोधन में 2027 की जनगणना में ‘आदिवासी धर्म कॉलम’ शामिल करने की मांग को मजबूती से रखा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पारंपरिक पहचान को संरक्षित करने के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक है। अन्य वक्ताओं ने भी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने, शैक्षणिक अवसरों को बढ़ाने तथा सरकारी योजनाओं का अधिकाधिक लाभ आमजन तक पहुंचाने पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में धनसीह भलावी, रमेश मर्सकोले, सीमा निराला, कमल धुर्वे, राकेश काकोडिया, शैतान सिंह उईके, सालकराम धुर्वे, सत्यनारायण सुचार, राहुल पवारे, महेंद्र काशिव, अजय मंडलेकर, आनंद देवड़ा, प्रीति मर्सकोले सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के महिला-पुरुष एवं युवा उपस्थित रहे। कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और अंत में आदिवासी स्वाभिमान व अधिकारों को लेकर एकजुटता का संदेश दिया गया।

