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बिरसा मुंडा की 150 वी जयंती मनाई

हरदा/मध्यप्रदेश 

हरदा। जल जंगल जमीन के हक/अधिकार के प्रणेता थे - भगवान बिरसा मुंडा तो आज वनवासी कृषि एवं ग्रामीण मजदूर संघ जिला हरदा (सम्बन्ध भारतीय मजदूर संघ) द्वारा ग्राम गोंदा गांव कला में भगवान बिरसा मुंडा जी की जंयती पर सभी ने तिलक लगाया और फोटो पर माल्यार्पण किया गया और जिला अध्यक्ष गणेश प्रसाद मर्सकोले ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला कि आज भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक महत्त्व का दिन है। हम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती मना रहे है। मातृभूमि के प्रति त्याग, समर्पण और आदिवासियों हक अधिकार के प्रतीक है 15 नवंबर 1875 को जन्मे भगवान बिरसा मुंडा ने अपने अल्प जीवन में ऐसा अमर इतिहास रचा, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उन्होंने आदिवासी समाज के अधिकारों और स्वाभिमान के लिए संघर्ष करते हुए अपने जीवन का हर क्षण मातृभूमि को समर्पित किया। भगवान इसलिए कहते हैं जिसमें ऐश्वर्य, बल, यश, ज्ञान और वैराग्य से युक्त हों। बिरसा मुंडा इन सभी गुणों से संपन्न थे, इसलिए उन्हें युगपुरूष, महामानव और भगवान कहा गया भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान, संस्कृति और राष्ट्र चेतना को नमन करने का प्रतीक है। भगवान बिरसा मुंडा औपनिवेशिक शासन के अत्याचारों के विरुद्ध प्रतिरोध के स्थायी प्रतीक हैं। उन्होंने सीमित साधनों में भी अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी और आदिवासी समाज को एकजुट कर 'उलगुलान' नामक आंदोलन खड़ा किया। उनका नेतृत्व केवल राजनीतिक विद्रोह नहीं बल्कि राष्ट्र चेतना' का उदय था। उनकी सोच थी अबुआ दिशुम-अबुआ राज अर्थात हमारा देश, हमारा शासन। यह नारा केवल शासन परिवर्तन की मांग नहीं थी, बल्कि आत्मनिर्भरता, एकता और राष्ट्रप्रेम की भावना का उद्घोष था इतिहास साक्षी है कि भारत के हर परिवर्तन में युवाओं की भूमिका निर्णायक रही है, भगवान बिरसा मुंडा ऐसे युगपुरुष थे, जिन्होंने युवाओं को संगठित कर अत्याचार के खिलाफ चेतना की मशाल जलाई आज जब हम उनकी 150वीं जयंती मना रहे हैं, यह केवल स्मरण का नहीं, बल्कि संकल्प का अवसर है उस भावना को आत्मसात करने का है। बिरसा मुंडा ने इस एकता को अपने संघर्ष और बलिदान से साकार किया। हमारा कर्तव्य है कि उनके आदर्शों को केवल इतिहास में नहीं, बल्कि अपने आचरण में जीवंत रखें। यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी जिसमें वनवासी कृषि एवं ग्रामीण मजदूर संघ जिला अध्यक्ष गणेश प्रसाद मर्सकोले, जिला कोषाध्यक्ष दुर्गेश धुर्वे, ग्राम सरपंच राकेश कलवानिया, सचिव धर्मेंद्र लाठी, लक्ष्मी नारायण गुरुजी, शिवम वर्मा, मनीषा शर्मा, अंजली धुर्वे और अन्य ग्रामीण जनों ने महामानव, महाविद्रोही, क्रांतिसूर्य, धरतीआबा, भगवान बिरसा मुण्डा जी की जन्मजयंती पर कोटि कोटि नमन किया।

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