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ग्राम गौला–मालपौन—मैदा सीगौन क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों के खिलाफ ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा आवेदन,,,



हंडिया/हरदा। हंडिया तहसील के ग्राम मालपौन, गौला और मैदा सीगौन क्षेत्र में पिछले लगभग 16 वर्षों से संचालित अवैध ईंट भट्ठों के खिलाफ ग्रामीणों ने आज कलेक्टर हरदा को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों ने इसी संबंध में जन-सुनवाई, तहसीलदार हंडिया एवं थाना प्रभारी हंडिया को भी लिखित आवेदन दिए हैं।


ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि क्षेत्र में चल रहे अधिकांश ईंट भट्ठों के पास कमर्शियल लाइसेंस, एनजीटी की अनुमति तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति नहीं है। साथ ही ईंट निर्माण में नर्मदा नदी के जल का अवैध व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।


ग्रामीणों की ओर से यह भी बताया गया कि—


ईंट परिवहन में उपयोग हो रहे ट्रैक्टर–ट्रॉली बिना नंबर के हैं और कमर्शियल दर्ज नहीं हैं।


ग्राम पंचायत मांगरुल द्वारा ग्राम सभा की कोई विधिवत अनुमति नहीं दी गई।


कृषि भूमि एवं छोटा घास समूह की भूमि पर बिना अनुमति ईंट भट्ठे संचालित किए जा रहे हैं।


भट्ठों से उठने वाला जहरीला धुआं एवं ट्रैक्टर–ट्रॉली से उड़ने वाली धूल के कारण ग्रामीण परेशान हैं।


खेतों की सिंचाई पाइपलाइन क्षतिग्रस्त की जा रही है।


कई स्थानों पर 10 से 20 फीट तक अवैध मिट्टी की खुदाई कर डंपर से परिवहन किया जा रहा है।



ग्रामीणों ने बताया कि ईंट भट्ठा मालिकों द्वारा गरीब आदिवासी किसानों की जमीनों को भारी ब्याज पर लेकर लगातार खोदा जा रहा है, जिससे खेती योग्य जमीन बारिश में तालाब जैसी बन जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह गतिविधि नहीं रुकी तो निकट भविष्य में ग्राम गौला का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है।


शिकायत में यह भी उल्लेख है कि कुम्हार समाज के लोगों ने वर्ष 2025 में स्टाम्प पर लिखित सहमति दी थी कि वे ईंट निर्माण कार्य बंद करेंगे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने दोबारा भट्ठा शुरू कर दिया। विरोध करने गए ग्रामीणों के ऊपर इन लोगों ने झूठी शिकायतें दर्ज करवाने और धमकाने तक की कार्रवाई की है। ग्रामीणों का आरोप है कि उनसे कहा जाता है कि “रोकने आए तो वाहन चढ़ा देंगे”।


ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि यदि कुम्हार समाज को ईंट निर्माण की अनुमति दी जाती है तो उन्हें केवल अपनी ही पंचायत में कार्य करने दिया जाए, अन्य पंचायत की भूमि पर नहीं।


ग्रामीणों ने बताया कि दिनांक 07 मई 2025 को भी इस संबंध में शिकायत की गई थी, परंतु अब तक उचित कार्रवाई न होने पर उन्हें पुनः कलेक्टर के पास आवेदन देना पड़ा है। ग्रामीणों ने अवैध ईंट भट्ठों पर तत्काल रोक और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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