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पुलिस प्रशासन की समझाइश बेअसर, बमुश्किल दलित दूल्हे को मंदिर में मिला प्रवेश

 धार/ देश दुनिया चांद पर पहुंच गई है किंतु  जाति, समाज के मध्य की दूरियों कम नहीं हो पा रही है। कुरीतियों को परम्परा मानकर जातिगत भेदभाव की सोच ने शुक्रवार को एक दलित दूल्हे के बनौले को गांव के श्रीराम मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया । मामला धार के ग्राम सकतली का है । पुलिस ,प्रशासन की समझाइश भी बेअसर रही। यह जरूर रहा कि एसपी सहित एसडीएम और अन्य अधिकारियों  की विगत कई दिनों के संवाद परिणामस्वरूप  सिर्फ दूल्हे और समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार को अंदर दर्शन के लिए प्रवेश मिल पाया। बनौले के बाकी लोग जिसमें दूल्हे के माता ,पिता सहित अन्य लोग बाहर ही रहे। इस घटना के बाद सकतली पहुंचे बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार ने कहा कि हमने भी हिंदू समाज में जन्म लिया है। मै गर्व करु कि शर्म करु यह समझ नहीं पा रहा हूं।

यह है मामला....  ग्राम सकतली में संजय चौहान नाम के युवक का विवाह बनौला २५ अप्रैल को निकलने वाला था। सभी लोग गांव के श्रीराम मंदिर में दर्शन करना चाहते थे। इस की जानकारी गांव में फैलने के बाद प्रभावशाली दूसरी जाति के लोगों ने विरोध का माहुल बना दिया था। जिसकी जानकारी के बाद २२ अप्रैल को दूल्हे पक्ष के लोगों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन के माध्यम से दी थी।  बनौले के दौरान विवाद की आशंका व्यक्त करते हुए पुलिस बल की तैनाती की मांग की थी।जिसके बाद एसपी मनोज सिंह ने तुरंत टीआई को इस तरह की घटना न होने को लेकर निर्देशित किया था। बीते २ दिनों तक प्रवेश विषय को लेकर गांव में सामंजस्य बनाने की कोशिश की गई थी। वहीं समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमार भी साथियों के साथ बनौले में शामिल हुए। पुलिस के प्रयासों का इतना असर जरूर हुआ कि बनौले को तो नहीं लेकिन दूल्हे को मंदिर प्रवेश के साथ भगवान का पूजन करने का अधिकार प्राप्त हो गया ।

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