अभिव्यक्ति। भारत में तीन समूह के लोग रहते है।
प्रथम समूह - बडा़ समूह 80% अपने जीवन में आंखों देखा और कानों से सुना विचार पर प्रतिक्रिया स्थानीय स्तर पर करते करते जीवन समाप्त हो जाता है।
दुसरा समूह - छोटा समूह 18% अपने जीवन में भूतकाल और वर्तमान काल के इतिहास का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं, और वर्तमान काल में परिवर्तन की ओर प्रयासरत रहते हुए जीवन समाप्त हो जाता है। सफलता और परिवर्तन अधुरा रह जाता है।
तिसरा समूह - सुक्ष्म समूह 02% अपने जीवन में भूतकाल और आधुनिक इतिहास का सकारात्मक सोच के साथ और आत्मविश्वास के साथ वर्तमान और भविष्य के लिए नया इतिहास बनाने में प्रयासरत रहते हुए नया इतिहास बनाने में सफलता प्राप्त कर अपने जीवन में देश और समाज के लिए दर्पण के समान होते हैं। समाज और देश की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनैतिक व्यवस्था में परिवर्तन होता है।
सी एस राणा राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद नई दिल्ली।