गुस्साए आदिवासी बोले, पुलिस प्रशासन होश में आओ और होश में आकर काम करो...
संवाददाता सुरेश कुमार मीणा।
उदयपुर (राजस्थान)। दिनांक 29 जनवरी 2024 भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा राजस्थान की ओर से सोमवार को जिला कलेक्ट्री पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। पुलिस प्रशासन होश में आओ होश में आकर काम करो... जैसे कहीं नारों से कलेक्ट्री परिसर गूंज उठा। आदिवासी और दलित समुदाय के सैकड़ों लोगों ने इस एक दिवसीय महापड़ाव में अपनी-अपनी भागीदारी निभाई।
भिंडर थाना क्षेत्र में पिछले दिनों कुएं से मिले देवेंद्र भील के शव में पुलिस की जांच पर सवाल और कोर्ट चौराहे से जय भीम के झंडे को हटाए जाने को लेकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान कोर्ट चौराहे से लेकर कलेक्ट्री कार्यालय का मार्ग जाम कर दिया और सभी सड़क पर बैठ गए। उन्होंने बताया कि देवेंद्र की हत्या की गई और उसको मार कर शव कुएं में फेंक दिया लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, ना ही इतने दिन बीतने के बाद हत्यारों को गिरफ्तार किया। इससे आदिवासी समाज में खास रोष है।
वहीं दलित समाज से मांग उठी कि कोर्ट चौराहे पर लगी संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की प्रतिभा के पास जय भीम का झंडा लंबे समय से लहरा रहा था। लेकिन और सामाजिक तत्वों ने इसे हटा दिया। जिन-जिन लोगों ने इस कृत्य को अंजाम दिया है पुलिस और प्रशासन जांच कर इन पर कड़ी कार्रवाई करें। इस दौरान जय जोहार और जय आदिवासी के नारे जोर-शोर से लगाए गए।
भिंडर पुलिस नहीं पकड़ पाई हत्यारों को -
प्रदर्शन में शामिल देवेंद्र भील के परिजनों ने बताया की तीन माह बीत गए, लेकिन पुलिस अब तक हत्यारों को नहीं पकड़ पाई है। वल्लभनगर तहसील के गुमानपुरा गांव निवासी देवेंद्र भील का शव मिलने के बाद परिजनों ने भिंडर थाने में मुकदमा दर्ज कर करवाया था। भील आदिवासी और दलित समाज ने इस महापड़ाव में आदिवासी नेता कांतिभाई रोत, चौरासी विधायक राजकुमार रोत, आसपुर विधायक उमेश डामोर, धरियावद विधायक थावरचंद मीणा शामिल होने की घोषणा की थी, लेकिन वह विधानसभा के चलने के कारण नहीं आ पाए। भारत आदिवासी पार्टी के जितेश कुमार कटारा, दिनेश पांडोर, अमित खराड़ी, सुख संपत्त मीणा ने बताया कि ऐसा उदयपुर संभाग में पहली बार नहीं हुआ है। ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है, जिसमें पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं कि गई है।