इंदौर (मप्र)। राऊ तहसील के ग्राम रंगवासा क्षेत्र में जयस राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर लोकेश मुजाल्दा की उपस्थिति में महामानव क्रांति सूर्य टंट्या भील व संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण किया गया इस मौके पर लोकेश मुजाल्दा ने कहा कि भारत देश की आजादी में अनेक क्रांतिकारियों ने शहादत दिए लेकिन इतिहास में आदिवासी महापुरषों की उपेक्षाए हुई जयस उन तमाम क्रान्तिकारियों के इतिहास को खोज कर जन-जन तक पहुंचाने के लिए जगह-जगह मूर्तियों की स्थापना कर उनके विचारों को तथा संवैधानिक अधिकारों को घर-घर पहुँचाने का कार्य कर रहा है। ताकि आदिवासियों के अधिकार सुरक्षित रहे उनकी रीति-रिवाज, सँस्कृति, परम्परा को बचाया जा सके। आज जयस की ताकत है कि देश के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक आदिवासी क्रांतिकारी के नाम से अनेक घोषणाएं व योजना चला रहा रहे है उन्हें अपने बेनर पोस्टर में आदिवासी क्रांतिकारियों की तस्वीर लगाना पड़ रही है जयस विचारधारा का यह असर रहा है कि आज देश की राजनीति में आदिवासी केंद्र बिंदु बन चुका है, जयस संविधान में मौजूद पांचवी अनुसूची को लागू करवाने के लिए लगातार प्रयासरत है, कार्यक्रम में अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखें।
आपको बता दे कि 2013 में शुरू हुआ जय आदिवासी युवा शक्ति यानी जयस आज भारत में आदिवासियों की सबसे बड़ी विचारधारा बन चुका है, जयस की आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ती जड़े यह बयां करती है कि वह समाज और राजनीति में भी बड़ा कद रखता है और अपना रास्ता खुद तैयार करते हुए आगे बढ़ने की कोशिश में है इस अवसर पर जयस के राष्ट्रीय सचिव अजय कनोजे, जयस छात्र संगठन प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल बघेल, जयस जिला अध्यक्ष पवन डावर, जयस इंदौर संरक्षक शोभाराम भूरिया, मनोज मुजाल्दे, विशाल बड़ोले, भीम आर्मी से रवि चौधरी, चेतन मुजाल्दे, गोलू मौर्य, राऊ जयस तहसील अध्यक्ष लोकेश, राहुल आर्यन सहित अनेक जयस पदाधिकारी ओर कार्यकर्ताओ के साथ ग्रामीण जन महिला पुरुष व बच्चे उपस्थित हुए।